Tuesday, August 01, 2023

रामकृष्ण विकलेश

पानी बरसा
खिली रक्त-पुष्प सी
वीर-बहूटी

-रामकृष्ण विकलेश
(हाइकु पत्र- 26, अगस्त 1986 से साभार)

Monday, July 31, 2023

झरने बच्चे

झरने बच्चे
पहाडों के कंधों से
उतर भागे

-शैलजा सक्सेना

Sunday, July 30, 2023

Haiku Meet Golconda Stone

 





गोपाल बाबू शर्मा

आम बौराये
प्रकृति सुन्दरी के
कानों में बाले ।

-डा० गोपाल बाबू शर्मा

राजकुमारी शर्मा 'राज'

धूप हिरनी
पर्वत की घाटी में
कुलाँचें भरे ।

-डा० राजकुमारी शर्मा 'राज'

महावीर सिंह

अंगार धरे
जंगल दहकाते
पलाश खड़े 
  -डा० महावीर सिंह

राजीव नसीब

सत्य की आँधी
उड़ाती है झूठ को
किश्तों किश्तों में

-राजीव नसीब

अर्बुदा पाल

उड़ जायेगा
तोड़ सब बंधन
ये अंतर्मन

-अर्बुदा पाल

हरेराम समीप

मेरा बयान
भरी अदालत में
गूँजती चीख

-हरेराम समीप

सदाशिव कौतुक

अँधेरी रात
तारे कीलें ठोंकते
उजियारे की
-सदाशिव कौतुक
(एक तिली, हाइकु संग्रह से साभार)